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    हिसार एयरपोर्ट के अंदर से गुजर रही साढ़े तीन किमी लंबी 11 केवी लाइन से केबल चोरी, अफसरों में मचा हड़कंप

    By Kuldeep SinghEdited By: Naveen Dalal
    Updated: Thu, 13 Oct 2022 08:01 PM (IST)

    हिसार बाईपास पर एयरपोर्ट की जमीन में अंदर से गुजरने वाली लाइन जो बीड़ पीरांवाली व बीएसएफ फीडरों को लुवास सब स्टेशन से जोड़ती है। चोरों ने उसे निशाना बनाया है। इस सब स्टेशन लुवास का 15 अक्टूबर को उद्घाटन होना था। मगर चोरों ने सेंध लगा दी।

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    15 अक्टूबर को लुवास सब स्टेशन का होना था उद्घाटन, बिजली निगम अफसरों की बढ़ी चिंता।

    हिसार, जागरण संवाददाता। हिसार बाईपास पर एयरपोर्ट की जमीन के अंदर से गुजर रही 11 केवी लाइन से लाखों रुपये की 3600 मीटर लंबी केबल लाइन को चोरों ने उड़ा लिया। दरअसल, लाला लाजपत राय यूनिवर्सिटी आफ वेटनरी एंड एनिमल साईंस (लुवास) में निर्माणाधीन सब स्टेशन बिजली घर से गांव बीड़, पीरांवाली व बीएसएफ फीडर पर बिजली सप्लाई को बेहतर करने के लिए नई बिजली की केबल बिछाई गई थी।

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    बिजली निगम के अफसरों की चिंताएं बढ़ी

    खास बात है कि इस सब स्टेशन लुवास का 15 अक्टूबर को उद्घाटन होना था। मगर इससे पहले चोरों ने बिजली निगम में सेंध लगा दी। इस घटना ने बिजली निगम के अफसरों की चिंताएं बढ़ा दी है। अब यह मामला पुलिस तक पहुंच गया है। पुलिस ने बिजली निगम की शिकायत पर अज्ञात चोरों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

    अधिकारी के अनुसार

    बिजली निगम से सुपरवाइजर नरेश कुमार ने बताया कि लुवास में नया सब स्टेशन बिजली घर निर्माणाधीन है। इससे बीड़, पीरांवाली व बीएसएफ फीडर पर बिजली सप्लाई पहुंचानी है, ताकि बिजली सप्लाई को बेहतर किया जा सके। लुवास सब स्टेशन से तीनों फीडर की दूरी साढ़े तीन किलोमीटर है। इसके लिए खंभों से लाइन बिछाई गई थी, जो 15 दिन पहले ही खींची थी।

    मंगलवार शाम को भी वह और उनकी टीम काम में जुटी थी। शाम को वह लुवास सब स्टेशन में काम कर रहे थे। करीब 7 बजे के बाद काम खत्म कर वहां से निकले थे। बुधवार सुबह आकर देखा तो खंभों से केबल चोरी मिली। रात को चोरों ने सेंध लगाई है। इसके बाद डायल 112 को सूचना दी और सदर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची। मगर वीरवार शाम तक फोरेंसिक जांच नहीं हुई। इस सब स्टेशन का 15 अक्टूबर को उद्घाटन होना था। बिजली घर का लगभग काम पूरा हो चुका था। अब कुछ दिन ओर समय लगेगा। इस बारे में संवाददाता ने ग्राउंड रिपोर्ट की तो हकीकत सामने आई।

    वारदात में 8 से 10 लोगों के शामिल होने की आशंका

    हिसार बाईपास पर लुवास से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर रामधन फार्म में लगी कांटेदार तारबंदी को काटकर चोर अंदर घुसे। दो से तीन जगह से तारबंदी को काटा गया। अब यह रामधन फार्म एयरपोर्ट में आता है। खंभों के ऊपर लगे कंटीले तार व डेंजर लिखा हुआ नोटिस बोर्ड भी उखाड़ फेंका। अभी लाइन चालू नहीं थी। सब स्टेशन के उद्घाटन के बाद चालू होनी थी।

    चोरों को पता था कि लाइन चालू नहीं है, जिससे करंट का भी डर नहीं। पूरी योजना के तहत चोरी की वारदात को अंजाम दिया। खंभों पर लगी केबल को तेजधार हथियार से काट-काटकर लेकर गए हैं। जोकि एक या दो व्यक्ति से तार समेटने व ले जाने में आसान नहीं। इसमें आठ से 10 लोगों के शामिल होने की आशंका है। यह जगह हाईवे से करीब 10 फुट की गहराई पर है, जिससे रोड से गुजरने वालों को भी दिखाई नहीं देता। इसका फायदा चोरों ने उठाया।

    11 केवीए की थी लाइन

    यह साढ़े तीन किलोमीटर लंबी लाइन 11 केवीए की थी। बीड़, पीरांवाली व बीएसएफ फीडर पर बिजली सप्लाई के लिए अलग-अलग 11 केवी लाइन खींची थी। लुवास व तलवंडी के लिए लाइन भी जाती है। अब तक सेक्टर 14 फीडर से चलते है, जिससे लोड बढ़ जाता है। खंभों पर एलुमिनियम केबल की तीन लाइन थी। इससे बिजली घरों के शुरू होने से तीनों फीडरों पर बिजली का लोड कम होता और कटों की दिक्कत कम होती।

    वारदात स्थल से मिली सीरिंज व आपत्तिजनक सामग्री

    हिसार बाईपास पर वारदात स्थल से बिजली निगम की टीम को कुछ सीरिंज या आपत्तिजनक सामग्री भी मिले है। टीम का कहना है कि यह नशेड़ियों का काम है। वारदात को अंजाम देने से पहले इंजेक्शन लिए है और सीरिंज में खून भी लगा था। एक व्यक्ति की चप्पल भी मिली है। यह सबूत पुलिस को मुहैया करवाए हैं।

    हर किसी के लिए खंभों पर चढ़ पाना मुश्किल

    बिजली निगम का कहना है कि यह बिजली का काम करने वाले कर्मियों का ही काम है। जिन लोगों से लाइन का काम करवाते है या पहले कर चुके हैं। उन्हीं का काम है। वरना हर किसी के लिए खंभों पर चढ़कर पूरी लाइन उखाड़ना मुश्किल है। इसका बिजली निगम भी सुराग लगाने में जुटा है।

    पहले सेंध लगाने में हुए थे नाकामयाब

    इस लाइन पर चोरों ने एक बार पहले भी चोरी करने की आशंका की थी। मगर चोर सेंध लगाने में नाकामयाब रहे। उस दौरान करंट के डर से तारें नहीं कट पाई और सामग्री छोड़कर भाग गए थे। इसके बाद चोरों ने रैकी से पता लगाया कि कहां सुरक्षित रहेगा। इस बार चोर कामयाब रहे।